मेह तुम टूटकर बरसो नीरद की दहलीज़ लांघकर सागरों से फट पड़ो घट-घट मे भर दो प्राण कण-कण कों कर…
अगर तुम स्त्री की रक्षा नहीं कर सकते तो उसे बेच भी नहीं सकते...'प्रेम करने वाले ह्रदय को खो देना…
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