भारतीय आमतौर पर आयुर्वेद को एक प्राचीन विज्ञान के रूप में जानते हैं, लेकिन पूरक और वैकल्पिक औषधि (कम्प्लीमेंटरी एंड अल्टरनेट मेडेसिन-सीएएम) के रूप में इसका उपयोग हाल के दिनों की बात है. आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। ‘आयुर्वेद’ का अर्थ है, ‘जीवन से सम्बन्धित ज्ञान’। आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है। आयुर्वेद, आयु यानी उम्र और वेद यानी विज्ञान को मिलाकर बना है, इस तरह ये जीवन का विज्ञान कहा गया है. ऐसा विज्ञान जिसके दायरे में मन, शरीर और आत्मा तीनों आते हैं.
आजकल वैश्विक जनसँख्या का एक बड़ा हिस्सा उच्च रक्चाप और डाइबिटीज की समस्या से जूझ रहा है. दुःख की बात है की इन दोनों ही बीमारियों ने अब युवाओं को भी जकड लिया है. आगे बढ़ने से पहले उच्च रक्तचाप और डाइबिटीज के बारे में जान लेते हैं.
उच्च रक्तचाप क्या है?
रक्तचाप वह माप है जो बताती है की रक्त हमारी धमनियों की दीवारों पर कितनी जोर से दबाव डालता है. दरअसल हमारा ह्रदय पम्पिंग के माध्यम से रक्त को पूरे शरीर में प्रवाहित करता है. इस प्रक्रिया में यदि दबाव बहुत अधिक है तो आपको दिल का दौरा या गुर्दे की बीमारी होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है. यदि आपका रक्तचाप 140/90 से अधिक है तो उसे हाईपरटेंशन की स्थिति कहा जाता है.
डाइबिटीज क्या है ?
रक्त ग्लूकोज हमारे शरीर की ऊर्जा का मुख्य कारक है. यह हमें भोजन से प्राप्त होता है. शरीर में इसकी अधिकता को हम डाइबिटीज कहते हैं. अग्न्याशय द्वारा बनाया जाने वाला हारमोन इंसुलिन भोजन से ग्लूकोज को हमारी कोशिकाओं में ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है। लेकिन कभी-कभी हमारा शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या उसका समुचित उपयोग नहीं कर पाता. इस स्थिति में ग्लूकोज हमारी कोशिकाओं तक नहीं पहुँच पाता और वह हमारे रक्त में ही रह जाता है.
आयुर्वेदिक दवाएं मरीज़ में एक समग्र बदलाव लाती हैं जबकि एलोपैथी विकार के विशिष्ट लक्षणों पर ही काम करती है. आयुर्वेद पारम्परिक खानपान और जीवनशैली पर ज़ोर देता है और इसके अलावा योग, व्यायाम और हर्बल उपचार भी उसमें शामिल हैं.
डायबिटीज और उच्च रक्तचाप में आयुर्वेदिक दवाई कितनी कारगर है ? क्या आयुर्वेद को अपनाने से एलोपैथी पर निर्भरता पूर्ण रूप से समाप्त की जा सकती है?
इस सन्दर्भ में वैद्यराज अनिल ने डायबिटीज और उच्च रक्तचाप को लेकर बेहद दिलचस्प बातों का खुलासा किया. उन्होंने लीवर और गट माइक्रोबायोम पर बात की जो प्रत्येक व्यक्ति के लिये जानना बेहद जरुरी है. यदि इम्यून प्रणाली को जानना है तो आपको इन दोनों को जानना होगा. इस सन्दर्भ में पूरी जानकारी आप इस वीडियो में देख सकते हैं.
डिस्क्लेमर : यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है जिसे केवल ज्ञानवर्धन के लिये लिखा गया है. यह लेख चिकित्सीय परामर्श नहीं है किसी भी तरह की चिकित्सा अपनाने से पूर्व एक्सपर्ट की सलाह आवश्यक है. वेबसाईट इसके लिये जिम्मेदार नहीं है.
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