Articles

Holi The Color Of Love पिया संग खेरो होरी फागुन आयो रे

Holi The Color Of Love – फागुन 1973

कितनी खूबसूरत परंपरा है फागुन की जहां बरसों के गिले-शिकवे भुलाकर एक हो जाने का संदेश दिया जाता है । कितना अद्भुत सौंदर्य है रंगों का जहाँ अपने से बड़ों के पैरों पर रंग लगाकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है और हमउम्र के साथियों को रंगों से सरोबार कर प्रेम का इज़हार किया जाता है । भारत में रंगों का त्योहार फागु पूर्णिमा को होता है ,फागु मतलब लाल रंग और पूर्णिमा मतलब पूरा चाँद। हमारा सिनेमा भी फागुन के इन रंगों को सर माथे पर बैठाता है । फागुन के गीतों को निकाल दिया जाए तो बॉलीवुड का गीत-संगीत कितना बेरंग हो जाएगा है ना ! 

हालांकि, हाल के बरसों के  सिनेमा में होली के गीतों की परंपरा सीमित हुई है लेकिन रंगों का क्रेज मल्टीप्लेक्स के दर्शकों में भी उतना ही है जितना सिंगल स्क्रीन के वक़्त हुआ करता था । बस वक़्त के साथ गीतों का अंदाज़ बदल गया है । पहले के फाग के गीत मोटे तौर पर लोकगीतों और रागों पर आधारित होते थे जिन्हें ब्रज, बुंदेल ,मैथिली, भोजपुरी और अवधी से लिया जाता था । इनमें राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती और जोगीरा की धूम होती थी । अब फागुन के गीतों पर फ़्यूजन, ढ़ोल और पंजाबी धुनें हावी हैं इसलिए युवाओं का बड़ा वर्ग ऐसा है जिसे लोकगीतों की जगह ‘लेट्स प्ले होली’ या ‘बलम पिचकारी’ जैसे पर थिरकना अधिक पसंद है।

फागुन मिलन का उत्सव है और जीवन में जो कुछ बि-ख-र गया है फाग के रंगों की सार्थकता उसे जोड़ देने में है । बालीवुड में दुलहंदी या रंग के दिन का इस्तेमाल आमतौर पर एक ‘टर्निंग पाइंट’ के रूप में किया जाता रहा है जिसमें अमूमन एक दिलचस्प कहानी छिपी होती है । यूं तो बालीवुड में फागुन के सब गीत ही बहोत खूबसूरत हैं लेकिन इस लेख में आज हम लोकप्रिय लेकिन लीक से हटकर कुछ गीतों पर बात करेंगे ।  

गुलाल का दिन है । खूबसूरत महाराष्ट्रियन लिबास में सजी हुई शांता Waheeda Rehman आँगन में रंगोली काढ़ते हुए अपने पति गोपाल Dharmendra का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है । अपने प्रिय के इंतज़ार में वह फागुन का गीत गाती है जिसे एस. डी. बर्मन ने संगीतबद्द किया है और लता ने अपनी मीठी आवाज़ से संवारा है – 

पिया संग खेरो होरी फागुन आयो रे, चुनरिया भिगो ले गोरी, फागुन आयो रे । 

कहीं कोई हाय तन को चुराए xxx करे कोई जोरा जोरी, फागुन आयो रे । ।  

इस बीच गोपाल आता है और चुपके से रंगों से भरी पिचकारी उस पर उड़ेल देता है। शांता का तन-मन और लिबास  प्रेम के रंगों से भीज जाता है। अपने प्रियतम की यह अठखेली देखकर शांता अभिभूत हो जाती है । फाग का दिन है और प्रेमी ने अपनी प्रेमिका पर रंगों की बौछार कर दी हो , ऐसा रंग किसे नहीं भाता ? लेकिन जैसे ही वह गोपाल पर डालने के लिए मुट्ठी भर अबीर हाथ में लेती है है उसकी नजर अपने रसूखदार पिता के हाव-भाव पर पड़ती है जो शांता की कीमती साड़ी पर रंग दाल दिये जाने से नाराज है । रंगों के मद में चूर शांता अचानक सिहर जाती है ।  इस भय से कि कहीं उसके पिता पुन: गोपाल को नीचा दिखाने का कोई अवसर न ढूंढ लें बगैर कुछ बूझे शांता गोपाल को उलाहना देने लगती है  – 

‘इतनी कीमती साड़ी खराब कर दी ! क्या हक बनता है तुम्हें वो चीज खराब करने का जो तुम खरीदकर दे नहीं सकते ।’ !!! 

इस घटना के बाद गोपाल घर छोड़कर चला जाता है और एक से एक महंगी साड़ी अपनी पत्नी शांता के लिए इकठ्ठा करता है । लेकिन नियति की चाल देखिये सब साड़ियाँ होलिका दहन के दिन जल जाती हैं और गोपाल के सपने राख़ हो जाते हैं । जीवन से विरक्त गोपाल बरसों बाद शांता से मिलता है । आज फिर से फाग का दिन है । गोपाल के हाथ में होलिका की आग से बची रह गयी एकमात्र साड़ी है जिसे वह शांता को पहनाता है और फिर उसे रंगों से भर देता है । अपनी कमाई की खरीदी हुई साड़ी में शांता को रंगने के लिए गोपाल बरसों इंतज़ार करता है । इस प्रेम में कितना आकर्षण है कितनी तपस्या है उसे केवल वही लोग समझ सकते हैं जिन्होने बिछोह की पीड़ा को सहा है । ‘फागुन’ ( 1973 ) एक बेहद खूबसूरत ऑफबीट कहानी है लेकिन राजेन्द्र बेदी का कमजोर निर्देशन  Phagun (1973 film) कहानी के साथ न्याय नहीं कर सका । खैर ….

ChandraKanta

Recent Posts

श्री शिवताण्डवस्तोत्रम् Shri Shivatandava Strotam

श्री शिवताण्डवस्तोत्रम् Shri Shivatandava Strotam श्री रावण रचित by shri Ravana श्री शिवताण्डवस्तोत्रम् Shri Shivatandava…

4 months ago

बोल गोरी बोल तेरा कौन पिया / Bol gori bol tera kaun piya

बोल गोरी बोल तेरा कौन पिया / Bol gori bol tera kaun piya, मिलन/ Milan,…

4 months ago

तोहे संवरिया नाहि खबरिया / Tohe sanwariya nahi khabariya

तोहे संवरिया नाहि खबरिया / Tohe sanwariya nahi khabariya, मिलन/ Milan, 1967 Movies गीत/ Title:…

4 months ago

आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं / Aaj dil pe koi zor chalta nahin

आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं / Aaj dil pe koi zor chalta nahin,…

4 months ago

हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के / hum tum yug yug se ye geet milan ke

हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के / hum tum yug yug se…

4 months ago

मुबारक हो सब को समा ये सुहाना / Mubarak ho sabko sama ye suhana

मुबारक हो सब को समा ये सुहाना / Mubarak ho sabko sama ye suhana, मिलन/…

5 months ago

This website uses cookies.