पांडे जी बने प्रधानमंत्री – लालित्य ललित ( कुछ अंश )
यहाँ गाल बजाने की आदत है,जो बजा लेता है वह बाधाएं पार कर जाता है और जो नहीं कर पाता वह अपने घर बैठ कर सत्ता को ऐसे कोसता हैं कि खुद का पायजामा सरक जाता है।हमारे यहाँ छेदी भैया है,क्या बोलते है।पिछले दिनों आये तो कहने लगे कि कल्लू कालिया के घर में चोर घुस गए।पेलू ने कहा कि चोर और कालिया के यहाँ!भैया मज़ाक तो नहीं कर रहा,गज्जक खा कर।देख भाई गज्जक की बात न कर,अब जमाना जाने को हो रिया है सर्दी का।
।समझ रहे हो न!छेदी और पेलू दो दोस्त है,अंसारी नगर के भटियारे की गली के नुक्कड़ पर इनका धंधा है।पेलू चाय बेचता है और छेदी किसी के यहाँ कोरियर बॉय है।
छेदी का कहना है कि मेरी इच्छा है कि हमारे महल्ले के समाज सेवी जो हैं, वे अगर देश के प्रधानमंत्री बन जाये तो कइसे बात बन जाये!अब छेदी जी सपना ले रहे है।वैसे हमारे यहाँ दिव्य किसिम के संतोषी जीव कम और असन्तुष्ट ज्यादा है,जिनको जुलाब की बेहद सख्त आवश्यकता है,यदि पेट ठीक रहेगा तो चिंतन ठीक से होगा, अन्यथा आप समझ सकते है।यदि मन सही नहीं तो क्या खाक विधायक बनेंगे!पते की बात जो चाय के खोखे पर आई।छेदी ने सपना लिया कि अपने विलायती राम पांडेय जी यदि प्रधानमंत्री बन जाते है तो देश का नक्शा कैसे होगा!
आइये सुनते हैं युवा लेखक रणविजय राव की कामकाजी महिलाओं पर लिखी हुई कहानी ‘दिन भर की बात’ https://gajagamini.in/wp-admin/post.php?post=334&action=edit
चुनाव हुए कब के और सबने बिना तेल एक दूसरे को लगाए सर्वसम्मति से नेता चुन लिया।पार्टी का नाम है जय जवान हम किसान पार्टी।पार्टी का घोषणा पत्र भी पारदर्शिता लिए हुए था।उसमें लिखा है-हम देश में अन्न,जल की कमी नहीं होने देंगे।महिलाओं की सुरक्षा करेंगे,बेरोजगारों को रोजगार देंगे।ये करेंगे,वे करेंगे।यानी जो दूसरी पार्टियां किसी कारण से न कर पाई,वे सब करेंगे।इलाके के बुद्धिजीवी बड़े खुश है।
अच्छा है पांडेय जी आ जाएंगे तो हमें भी कोई पोर्टफोलियो मिल जाएगा।यदि मंत्री न भी बन पाए तो किसी संस्थान का अध्यक्ष या किसी विचाराधीन कमेटी का चेयरमैन बना दिया जाएगा, बत्ती वाली गाड़ी मिलेगी सो अलग।आइये थोड़ा विस्तार के विषय को समझने का प्रयास करें-पांडेय जी के निजी सचिव नारायण कुमार से लोगों ने अप्रोच लगाना शुरू भी कर दिया।नारायण कुमार को पता है कि किन लोगों से पांडेय जी का मिलना उचित है और किनका अनुचित।
वैसे भी आजकल हर व्यक्ति अपने को सर्वश्रेष्ठ बताने पर अड़ा हुआ है और दूसरे को निम्न कोटि का बताने में देर नहीं करता।जैसे जैसे हवा बन रही है पार्टी की औऱ विलायती राम पांडेय की,वैसे वैसे सरकारी एजेंसियां भी नजर बनाए हुये है।कि कहां और कितना ध्यान देना है।पांडेय जी की सरगर्मियां पहले से ज्यादा बढ़ गई है।घर में केवल सोने आते है,दिन भर पार्टी आफिस और कार्यकर्ताओं से मिलने में समय चला जाता है।
आप को किसी भी शिकायत के लिए भागना नहीं पड़ेगा।उसके लिए मैं हूँ।आप निश्चिन्त रहें।आपके डोर बेल की घण्टी पर जो उपलब्ध हो जाये।उसी को अपना मत दें,आप समझदार है।पिछले पांच वर्ष हमने काम किया।आपको किसी किसिम की असुविधा नहीं होने दी।ये पांडेय जी का चिरपरिचित अंदाज है।वे कभी भी ब्रांडेड कपड़े नहीं पहनते।बल्कि रामप्यारी जी खुद उनके लिए मैचिंग तैयार करती है।
आज दोपहर को नारायण कुमार ने बताया कि सर! महिला मैगजीन की रिपोर्टर आपके जीवन के विविध पक्षों को जानने के लिए बात करना चाहती हैं।तीन बजे का समय तय किया है।ठीक है नारायण जी।ठीक तीन बजे महिला मैगजीन की रिपोर्टर टिप्सी मुटरेजा का आगमन।वह हाथ जोड़ कर पांडेय जी का स्वागत करती है।पांडेय जी ने भी नमस्कार किया।इससे पहले उत्साहित टिप्सी मुटरेजा सवालों को उठाएं, पांडेय जी ने चाय लाने को कहा।
सुनिये प्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्त्ता अनीता भारती की कवितायें https://gajagamini.in/wp-admin/post.php?post=526&action=edit
कुछ देर बात साक्षात्कार में टिप्सी ने पूछा-पांडेय जी आप राजनीति में कैसे आये!आप तो पहले सरकारी विभाग में थे।शायद बिजली विभाग में!पांडेय:देखिए टिप्सी जी,काम कोई बुरा नहीं होता।मैंने सरकार में बीस वर्ष काम किया और ये महसूस किया कि कुछ ऐसा है जिसे मैं सही से अभिव्यक्ति नहीं दे पा रहा हूँ।इसलिए मैंने एक पार्टी का गठन किया और अपने विभाग से वीआरएस ले लिया।टिप्सी मुटरेजा:ये तो अक्सर होता है,जैसे कई और आप जैसे महत्वपूर्ण लोग है,जिनमें कई प्रोफेसर भी शामिल है,जिन्होंने राम को आधार बना कर अपने आपको लेखन में उतार लिया।
पांडेय जी ने कहा कि टिप्सी जी,सभी व्यक्तियों की प्राथमिकता अलग अलग होती है।मैं चाहता हूँ कि मेरे देश के हर व्यक्ति को उसकी काबलियत के आधार पर तव्वजो दी जाए।उसे सम्मानपूर्वक जीने का आधार मिले।आप देखिए कितने बच्चे आज शिक्षित होने के बावजूद घर बैठे है।कितने केसेस आज अदालतों में पेंडिंग है।अवसर क्यों नहीं देते हम अपने भविष्य को!क्यों एक ही समुदाय को आर्थिक स्तर पर मुकाम देंगे!हमारी मंशा साफ होनी चाहिए कि हम पूंजीपतियों के गुलाम है या उनके जनप्रतिनिधि!मुझे लगता है कि नेता वह हो जिसे देश का बच्चा बच्चा जानता हो और प्यार करता हो।
टिप्सी मुटरेजा;यानी पांडेय जी आपको देख कर लगता है कि आप ने पूरी तैयारी कर रखी है कि यदि सत्ता में आये तो आप सार्थक और तेजी से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेंगे।पांडेय जी ने कहा कि हम तो चाहते है कि आप भी मैगजीन छोड़ कर हमारी पार्टी जॉइन कर लें और कोई ऐसा मंत्रालय संभाले जिससे आम महिलाओं को शोषण से मुक्ति मिल सकें और वे स्वरोजगार को और उन्मुख हो सकें।टिप्सी ने मुस्कराते हुए कहा कि धन्यवाद।इस निमन्त्रण के लिए।
एक अच्छी बातचीत के लिए आभार।पांडेय जी ने मुस्कराते हूए कहा कि आप जैसे सजग लोगों की राजनीति में बेहद आवश्यकता है।ये कार्ड रख लीजिए, सीधे बात कीजिये,मन बनाइए।पांडेय जी ने नारायण कुमार को कहा कि इनका नम्बर रख लें,याद दिलायेगा इन्हें।
स्थानीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी निगाह बनाये हुए है।भारी मतों से पांडेय जी की पार्टी विजयी हुई।टिप्सी मुटरेजा ने भी पांडेय जी को बधाई भरा वाट्सप किया।तत्काल पांडेय जी की ओर से संदेश मिला कि ऑफर की लाइन अभी भी खुली है।टिप्सी मुटरेजा ने अपने खास मित्रों से भी सलाह की और सबने कहा कि आपको यह ऑफर स्वीकार कर लेना चाहिए।
पांडेय जी को पार्टी का कद्दावर नेता मान लिया गया और आज वह मौका था कि जब राष्ट्रपति भवन में तैयारियां जोरों व शोरों पर थीं।विलायती राम पांडेय देश के अगले प्रधानमंत्री बनें।ऐसी सूचनाएं टेलीविजन पर चलने लगीं।जहाँ और जिस महल्ले में विलायती राम पांडेय रहते थे,वह महल्ला अचानक से सुरक्षाकर्मियों ने गएघेरे में ले लिया।पार्क से लेकर घर तक बेरिकेट्स लग गई।कोई भी पांडेय जी से मिलने ऐसे ही मुंह उठाये नहीं जा सकता था।अब नजारा बदल चुका है।
“बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां है, जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब कहां उठेगा, कोई नहीं जानता। पढ़िए ऋषिकेश मुखर्जी की क्लासिक चलचित्र ‘आनंद’ के बारे में https://matineebox.com/film-anand-1971-hrishikesh-mukharjee/
तभी रामप्यारी ने उठाते हुए कहा;शनिचर महाराज,उठ जाओ,आफिस नहीं जाना क्या!ओपी से ब्रेड ले आओ,सैर कर आओ।पैंट छोटी हो जाएगी,नई बनवाने पड़ेगी।कुछ सोचो।पांडेय जी बड़बड़ा कर उठे और कहने लगे कि मेरा मंत्रिमंडल कहाँ गया!जब देखो तब सपनेंआज क्या देख लिया!प्रधानमंत्री बन गया था आज तो!!
<समाप्त >
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