दिल में उठी कसक तो, खुद ही
दिल पर हाथ रख लिया
बेचारगी में गम को अपने
साथ कर लिया
तुम्हें देखती हैं आंखें
बस तुम्हें ही सोचता है मन
आसमानों पर लटका हूँ
जैसे कटी हुई कोई पतंग
ये आवारगी मेरी
मेरे प्यार की इंतेहा है..
तुम्हारे इनकार को अपना
मुकद्दर समझ लिया
रात की हसीन नींदों से
हसरतों का सौदा कर लिया
हथेलियों की गरम चादर से
आंसू छिपा लिए
तुम्हारे दिल की डोर से
बंधा है मेरा पागल मन
ये आवारगी मेरी
मेरे प्यार की इंतेहा है..
© पिंक रोज़ (चंद्रकांता) PINK ROSE ( CHANDRAKANTA)
श्री शिवताण्डवस्तोत्रम् Shri Shivatandava Strotam श्री रावण रचित by shri Ravana श्री शिवताण्डवस्तोत्रम् Shri Shivatandava…
बोल गोरी बोल तेरा कौन पिया / Bol gori bol tera kaun piya, मिलन/ Milan,…
तोहे संवरिया नाहि खबरिया / Tohe sanwariya nahi khabariya, मिलन/ Milan, 1967 Movies गीत/ Title:…
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं / Aaj dil pe koi zor chalta nahin,…
हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के / hum tum yug yug se…
मुबारक हो सब को समा ये सुहाना / Mubarak ho sabko sama ye suhana, मिलन/…
This website uses cookies.