मेह तुम टूटकर बरसो नीरद की दहलीज़ लांघकर सागरों से फट पड़ो घट-घट मे भर दो प्राण कण-कण कों कर…
हम औरतें हम औरतें हमेशा भीड़ से घिरी रहती हैं जैसे मधु-मक्खियों से घिरे रहते हैं सुमन अहंकार इतना कि…
आलाप दिमाग में घने अंधेरों नें कसकर पाँव जमा रखे हैं एक भी सुराख़ नहीं है जो छटांक भर रोशनी…
चंद्रकांता गीत 'पगडंडियां' तेरे इश्क़ की पगडंडियां मैं उड़ती हूँ रेत बनकर तड़पती हूँ इक प्यास सी होकर बेपरवाह…
October Movie 2018-फूल हंसो, गंध हंसो, प्यार हंसो तुम हंसिया की धार, बार-बार हंसो तुम . मालूम नहीं…
तुझसे है सबमें रोशनी तुझसे ही राग है होंठों पर रहती है हंसी जो तू आबाद है ए वतन तू…
पास आने दो जरा मोहब्बतों कोबहक जाने दो जरा सी चाहतों कोये जो लब हैं तेरे मेरेहैं इतने दूर क्यूंयहाँ…
एक पंक्ति लिखती हूँऔर अक्सर मिटा देती हूँनि-रं-कु-श सत्ता के भय सेफिर अपने भीतर के बचे हुए इंसान को बटोरकर…
क्या वाकई आप सोचते हैं कि प्रेम पढ़कर आत्मसात कर लेने वाली कोई वस्तु है ? मैंने जब-जब अंतरंग होकर…
Bandini 1963 - बंदिनी एक ऐसा प्रेमगीत है जहां, प्रेम सुविधा का नहीं समर्पण और संघर्ष का नाम है ।…
This website uses cookies.