मेरी कविता

चिड़िया डिप्रेशन में है

आजकल पर्यावरण संरक्षण फैशन में हैंलेकिन मेरे मोहल्ले की चिड़िया डिप्रेशन में है। महीनों से आँगन की क्यारी मेंग्राउंड फ्लोर…

5 years ago

गुब्बारे वाली

गहन सांवली देह सेचपला की भांति कौंधतीउस पथिका की आँखों परमेरी आँखें टिक गयींजो भादों की उमस भरी दुपहरी मेंमोतीबाग…

6 years ago

चंद्रकांता कविता ‘फूलन बन जाओ सब

औरतों पर बनने वाली खबरें कभी बासी नहीं होती ।  ताज़ा खबर है -  एक आदमी की 'हत्या के शक'…

6 years ago

चंद्रकांता-कविता-मेह-तुम-टूटकर-बरसो

मेह तुम टूटकर बरसो नीरद की दहलीज़ लांघकर सागरों से फट पड़ो घट-घट मे भर दो प्राण कण-कण कों कर…

6 years ago

हम औरतें we the women

हम औरतें हम औरतें हमेशा भीड़ से घिरी रहती हैं जैसे मधु-मक्खियों से घिरे रहते हैं सुमन अहंकार इतना कि…

6 years ago

चंद्रकांता कविता आलाप

आलाप दिमाग में घने अंधेरों नें कसकर पाँव जमा रखे हैं एक भी सुराख़ नहीं है जो छटांक भर रोशनी…

6 years ago

डर लगता है ..

एक पंक्ति लिखती हूँऔर अक्सर मिटा देती हूँनि-रं-कु-श सत्ता के भय सेफिर अपने भीतर के बचे हुए इंसान को बटोरकर…

6 years ago

प्रेम प्रसंग

क्या वाकई आप सोचते हैं कि प्रेम पढ़कर आत्मसात कर लेने वाली कोई वस्तु है ? मैंने जब-जब अंतरंग होकर…

6 years ago

कुछ बिखरी हुई संवेदनाएं -2

परीक्षित..सुनों भद्रे ! तुम हो वह स्त्री परीक्षित, जिसे ढूँढा मैंने क्षितिज के उस पार जिसे मैंने खोया पाया अपने स्त्री होने की अकेली अथक,…

6 years ago

हाशिये का आदमी ..

वह देखो ! हाशिये का आदमी  और उसके आगे वह काले रंग की लकीर जो हमारी व्यवस्था नें खींची है वह…

10 years ago

This website uses cookies.