भगाणा डायरी 7

यह परवीन द्वारा की गयी कोई ‘साहित्यिक इमेजिनेशन’ नहीं है जहां उसनें पहले किसी कहानी का प्लेटफ़ार्म तैयार किया हो और फिर उसमें कल्पना के रंग भरे हों . यह उसकी आपबीती है. आप और हम भी ऐसे ही कुछ अनुभवों से हर रोज गुजरते हैं. सच तो यह है की यह चिट्ठी हमारी पूरी की पूरी व्यवस्था के नाम हैं .आप भी सुनिए परवीन क्या कह रही है. .
परवीन: हमारे देश में महिलाओं की स्थिति

आजकल के जमाने में महिलाओं का आगे बढ़ना बहोत मुश्किल हो गया है. बहोत सारे लोग ऐसे भी हैं जो लड़कियों को दुनिया में आने ही नहीं देते हैं. बहोत भार(बार) देखा है की बहोत से मर्द महिलाओं को साड़ी जिंदगी रुलाते रहते हैं. उनका अपमान करते हैं और उनसे दहेज़ मांगते हैं ..माता पिता संसार को देखकर लड़कियों की शादी (जल्दी) कर देते है. उनकी पढ़ाई अधूरी रह जाती है.किसी लड़की के मन में कुछ बनने की उम्मीद है तो आज के संसार में (उसे) बहोत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

कुछ लड़के दुनिया में ऐसे पैदा हो गए हैं की लड़कियों को आगे नहीं बढ़ने देते हैं. वह लड़के अपनी भी जिंदगी को मिटटी में मिला देते हैं. और अपने माता पिता की भी जिंदगी बर्बाद कर देते हैं. कुछ लोग शराब पीकर अपने घर का नुक्सान कर देते हैं. और जो महिलायें मजदूरी करके लाती हैं उनकी भी शराब पी जाते हैं. बहोत सी महिलायें इस अपमान को नहीं सह्तीं और अपने घर चली जाती हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुक्सान होता है .आज के जमाने में झांसी की रानी जैसी लड़की की बहोत जरुरत है.

आजकल के जमाने में शिक्षित होना बहोत जरुरी है .ताकि वह संसार को समझ सके की कैसा ज़माना आ गया है. आजकल के जमाने में औरत का सम्मान नहीं होता है ..उन्हें बोझ समझा जाता है ..लड़कियों को बोझ समझा जाता है सब लोग लड़कियों को जन्म देने से डरते हैं और उन्हें दुःख समझते हैं.आज के जमाने में हम जैसी लड़कियों को संसार का सामना करना चाहिए इस संसार को देखकर कुछ माता-पिता लड़कियों को आगे ही नहीं बढ़ने देते हैं. उनकी छोटी सी उम्र में शादी कर देते हैं.
कल यहाँ पर किसी कालेज की प्रोफ़ेसर आई हुई थीं उसने अपने फोन में कुछ लड़कियों की फोटो दिखाई लड़कियों के चेहरे बिगड़े हुए थे.उस टीचर नें हमें एक लड़की के बारे में बताया की वह कालेज जाती थी उसी कालेज में एक लड़का भी पढता था दोनों एक दुसरे से प्यार करते थे. लड़के की माँ नें दहेज़ माँगा और लड़की के घरवालों नें देने से इनकार कर दिया/ तो लड़की के घरवालों ने कहा हम हमारी बेटी की शादी कहीं और कर देंगे तो लड़के नें कहा कर दो. लड़की की शादी तय हो गयी लड़की ने लड़के को कहा अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है एक बार और सोच लो लड़के नें कहा जो माँ चाहती हैं पहले वह इच्छा पूरी करो..लड़की नें मना कर दिया .एक दिन लड़की छत्त पर सो रही थी लड़के नें आकर उस पर तेज़ाब फेंक दिया. वह टीचर जब उनके घर गयीं तो उसने बताया की उनकी इतनी हिम्मत नहीं हुई की वह उनका मुह का पर्दा हटवा सके. जब लड़की नें पर्दा हटाया तो टीचर नें कहा लड़की तुम बहोत सुन्दर हो.तो लड़की नें सिरप(सिर्फ )यही जवाब दिया ‘की सुन्दर हूँ तभी तो यह हाल है ) आज के जमाने में लड़कियों को सावधान रहना चाहिए की कुछ लड़के ऐसे हैं की किसी लड़की को देखकर उनके साथ गलत हरकतें करते हैं कुछ लडकियां इस संसार की हरकतें देख नहीं सकती और मर (आत्महत्या) जाती हैं.कुछ लड़कियां इन हरकतों को देखकर सहकर कुछ बनके उनको सबक सिखाने का सोचती हैं ऐसी लड़कियों पर मुझे बहोत गर्व है.
परवीन .

परवीन की यह शिकायत हर एक माता-पिता से है जो लड़कियों को शादी होने तक अपनी संपत्ति मानते हैं और विवाह के बाद जिस पर किसी और का अधिकार हो जाता है. परवीन की यह चिट्ठी हर उस पुरुष को लिखी गयी है जो औरतों पर किसी भी किस्म की हिंसा करता है और उन पर बुरी नजर रखता है. आखिर क्यूँ एक लड़की को किसी लड़के से सुरक्षित रखने के लिए माता-पिता को भी शादी करना जरुरी लगता है ? क्या एक लड़की का अपना कोई अस्तित्व नहीं? क्यों तेज़ाब फेंके जाने की घटनाएं महिलाओं के साथ ही होती है ? आपमें से कितने व्यक्ति हैं जिन्होंने किसी पुरुष पर एक लड़की द्वारा तेज़ाब डाले जाने की घटना देखि-सुनी हो ?? लडकियां कितनी अधिक असुरक्षित हैं इसका जवाब आपको खुद मिल जाएगा .और हां कानून-प्रशासन को अपनी भी डायरी में यह दर्ज कर लेना चाहिए की तेज़ाब का फेंके जाना एक ‘जेंडर सेलेक्टिव’ अपराध है .

चंद्रकांता                  

Chandrakanta

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