आज इन गरीब मजदूरों के घर पर ताले लगे हुए हैं .आप और हममें से ऐसे कितने लोग हैं जो न्याय की उम्मीद में अपना घर बार छोड़कर सड़कों पर उतर आये ? और वह भी एक या दो दिन नहीं पूरे दो साल से अधिक समय तक ?? इन परिवारों में एक बच्ची छ :माह की भी है. क्या हम अपनें बच्चों के लिए कभी ऐसे भविष्य की कल्पना भी कर सकते हैं ??? नहीं ना ..परवीन आगे कहती हैं वैसे तो हमारा गाँव बहोत अच्छा है परन्तु कुछ दबंग जाती के लोगों नें यहाँ के अच्छे वातावरण को फूंक डाला और संसार की नजरों में गिरा दिया जैसे मंदिर जाने पर रोक लगा देना, दलितों के बच्चों को आगे ना बढ़ने देना उन्हें आते-जाते पीटना, दलितों को वाहन में ना बिठाना. सभी दलितों को अपने बच्चों को शिक्षित बनाना चाहिए ताकि वह अपनी जिन्दगी खुशहाल बना सकें पढ़ाई से हम नौकरी पर भी लग सकते हैं. फिर हम दबंग जाति के लोगों की बराबरी कर सकते हैं. माता-पिता को अपने बच्चे की शादी (की जल्दी) नहीं करनी चाहिए उनका भविष्य संवारने के लिए कदम कदम पर साथ रहना चाहिए और शादी के बाद छोटा परिवार रखना चाहिए. छोटा परिवार सुख से पढ़ भी सकता है. छोटा परिवार सुखी परिवार .
श्री शिवताण्डवस्तोत्रम् Shri Shivatandava Strotam श्री रावण रचित by shri Ravana श्री शिवताण्डवस्तोत्रम् Shri Shivatandava…
बोल गोरी बोल तेरा कौन पिया / Bol gori bol tera kaun piya, मिलन/ Milan,…
तोहे संवरिया नाहि खबरिया / Tohe sanwariya nahi khabariya, मिलन/ Milan, 1967 Movies गीत/ Title:…
आज दिल पे कोई ज़ोर चलता नहीं / Aaj dil pe koi zor chalta nahin,…
हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के / hum tum yug yug se…
मुबारक हो सब को समा ये सुहाना / Mubarak ho sabko sama ye suhana, मिलन/…
This website uses cookies.