आजकल पर्यावरण संरक्षण फैशन में हैंलेकिन मेरे मोहल्ले की चिड़िया डिप्रेशन में है। महीनों से आँगन की क्यारी मेंग्राउंड फ्लोर…
गहन सांवली देह सेचपला की भांति कौंधतीउस पथिका की आँखों परमेरी आँखें टिक गयींजो भादों की उमस भरी दुपहरी मेंमोतीबाग…
औरतों पर बनने वाली खबरें कभी बासी नहीं होती । ताज़ा खबर है - एक आदमी की 'हत्या के शक'…
मेह तुम टूटकर बरसो नीरद की दहलीज़ लांघकर सागरों से फट पड़ो घट-घट मे भर दो प्राण कण-कण कों कर…
हम औरतें हम औरतें हमेशा भीड़ से घिरी रहती हैं जैसे मधु-मक्खियों से घिरे रहते हैं सुमन अहंकार इतना कि…
आलाप दिमाग में घने अंधेरों नें कसकर पाँव जमा रखे हैं एक भी सुराख़ नहीं है जो छटांक भर रोशनी…
एक पंक्ति लिखती हूँऔर अक्सर मिटा देती हूँनि-रं-कु-श सत्ता के भय सेफिर अपने भीतर के बचे हुए इंसान को बटोरकर…
क्या वाकई आप सोचते हैं कि प्रेम पढ़कर आत्मसात कर लेने वाली कोई वस्तु है ? मैंने जब-जब अंतरंग होकर…
परीक्षित..सुनों भद्रे ! तुम हो वह स्त्री परीक्षित, जिसे ढूँढा मैंने क्षितिज के उस पार जिसे मैंने खोया पाया अपने स्त्री होने की अकेली अथक,…
वह देखो ! हाशिये का आदमी और उसके आगे वह काले रंग की लकीर जो हमारी व्यवस्था नें खींची है वह…
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