आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली बाकी चिकित्सा विधियों से अलग है. जानिये कैसे!
आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली
भारतीय आमतौर पर आयुर्वेद को एक प्राचीन विज्ञान के रूप में जानते हैं, लेकिन पूरक और वैकल्पिक औषधि (कम्प्लीमेंटरी एंड अल्टरनेट मेडेसिन-सीएएम) के रूप में इसका उपयोग हाल के दिनों की बात है. आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। ‘आयुर्वेद’ नाम का अर्थ है, ‘जीवन से सम्बन्धित ज्ञान’। आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है।
आयुर्वेद, आयु यानी उम्र और वेद यानी विज्ञान को मिलाकर बना है, इस तरह ये जीवन का विज्ञान कहा गया है. ऐसा विज्ञान जिसके दायरे में मन, शरीर और आत्मा तीनों आते हैं. आयुर्वेदिक दवाएं मरीज़ में एक समग्र बदलाव लाती हैं जबकि एलोपैथी विकार के विशिष्ट लक्षणों पर ही काम करती है. आयुर्वेद पारम्परिक खानपान और जीवनशैली पर ज़ोर देता है और इसके अलावा योग, व्यायाम और हर्बल उपचार भी उसमें शामिल हैं. वैद्यराज अनिल डोगरा जी से जानते हैं आयुर्वेद चिकित्सा की खासियत और उससे जुड़े हुये मिथकों के बारे में.
एलोपैथी हमें तत्काल लाभ तो पहुँचाती है लेकिन उसके खतरनाक साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। खासकर आपके आपका पाचन तंत्र को यह काफी नुकसान पहुंचाती हैं।आयुर्वेद की चिकित्सा प्रणाली बाकी चिकित्सा विधियों से किस तरह अलग है?
वैद्यराज अनिल ने बताया की शरीर स्वयं सबसे बड़े चिकित्सक का कार्य करती है. शरीर की अपनी भाषा है जिसका संकेत वह किसी बीमारी या देह की तपिश के रूप में आपको देती है. वैद्यराज ने और भी कई भ्रांतियों पर बात की उनकी पूरी सलाह जानने के लिये आप यह वीडियो देख सकते हैं.
डिस्क्लेमर : यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है जिसे केवल ज्ञानवर्धन के लिये लिखा गया है. यह लेख चिकित्सीय परामर्श नहीं है किसी भी तरह की चिकित्सा अपनाने से पूर्व एक्सपर्ट की सलाह आवश्यक है. वेबसाईट इसके लिये जिम्मेदार नहीं है.