Category: मेरी कविता

चिड़िया डिप्रेशन में है

आजकल पर्यावरण संरक्षण फैशन में हैं लेकिन मेरे मोहल्ले की चिड़िया डिप्रेशन में है। महीनों से आँगन की क्यारी में

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कुछ बिखरी हुई संवेदनाएं -2

परीक्षित..सुनों भद्रे ! तुम हो वह स्त्री परीक्षित, जिसे ढूँढा मैंने क्षितिज के उस पार जिसे मैंने खोया पाया अपने स्त्री होने की अकेली अथक,

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