पास आने दो ( गीत )



पास आने दो जरा मोहब्बतों को
बहक जाने दो जरा सी चाहतों को

ये जो लब हैं तेरे मेरे
हैं इतने दूर क्यूं
यहाँ तो हो रही हैं बारिशें X 2
फिर ये प्यास क्यूं

ता रम परम परम परम परम परम परम ..

मेरी धडकनों पे रख कर सर
सुनों मेरे जज्बातों की आहटें
ले रही हैं करवटें होले से होल से
तेरे मखमली बदन की सलवटें

ता रम परम परम परम परम परम परम ..

देSखो चाँद ये
टंगा हुआ है आसमां पर
जमीं पर टकटकी लगाए
किसको ढूंढता मगर
तुमको ढूंढती है देखो चाँद की नजर

ता रम परम परम परम परम परम परम ..

पास आने दो जरा मोहब्बतों को
बहक जाने दो जरा सी चाहतों को


 
 © पिंक रोज़ (चंद्रकांता) PINK ROSE ( CHANDRAKANTA)