हम सबको आज़ादी बहोत मुबारक हो I
हम सबको आज़ादी बहोत मुबारक हो I जब हमें आज़ादी मिली तब वह अपने साथ बहोत सारे अधिकारों को भी
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
हम सबको आज़ादी बहोत मुबारक हो I जब हमें आज़ादी मिली तब वह अपने साथ बहोत सारे अधिकारों को भी
Continue readingToilet- Ek Prem Katha – “पीरियड हो रहे हो तो घर के बाहर, हल्का होना हो तो खेत के बाहर,
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