बड़ी चटपटी है ( गीत )
थोड़ा सा चखकर देखा है बड़ी चटपटी है जिंदगी कभी पानी पूरी सी है कभी ख्वाहिश अधूरी है कभी ऊंची
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
थोड़ा सा चखकर देखा है बड़ी चटपटी है जिंदगी कभी पानी पूरी सी है कभी ख्वाहिश अधूरी है कभी ऊंची
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