Dr. Harish Naval डॉ. हरीश नवल से साक्षात्कार
Dr. Harish Naval – लेखक, संपादक, पत्रकार, विजिटिंग व्याख्याता व वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. हरीश नवल जी पिछले करीब पाँच दशकों
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
Dr. Harish Naval – लेखक, संपादक, पत्रकार, विजिटिंग व्याख्याता व वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. हरीश नवल जी पिछले करीब पाँच दशकों
Continue readingGeetashree गीताश्री की पुस्तक ‘लिट्टी-चोखा और अन्य कहानियाँ’ में लोक, कला और स्त्री तीनों का स्पंदन है। मधुबनी मूल रूप
Continue readingLokparva Sanjha लोकपर्व संझा – मेरा टेसू यहीं अड़ा खाने को मांगे दही बड़ा .टेसू के गीत विशेष किस्म की
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