एक खूबसूरत ..संजीदा ..एक मासूम सा एहसास..
प्रकृति की संपूर्ण रचनात्मकता जिस एक अनंत भाव में सिमट आती हों
ब्रह्माण्ड का समस्त सौंदर्य और मन की सभी अभिलाषाएं जिस एक प्रेरणा से आलिंगनबद्द हैं
एक खूबसूरत ..संजीदा ..एक मासूम सा एहसास ..औरत होने का ..
जैसे अनगिनत तारों ने . .
चांदनी का श्रृंगार कर उसे अपनी पलको पर संवारा हो ,आसमानी रंग फलक पर उतर आया हो और मेघो ने कोई रागिनी सी छेड़ी हो और जैसे धरती इतरा रही हो अपनी किसी बानगी पर ..ह्रदय की कोई आसक्ति सी .
एक उन्मुक्त निश्छल सी कामना . .जो नदी बनकर बहती हे तो तीक्षण चट्टानों को भी पार कर जाती हे और
कभी उफान आ जाए तो रोके से नहीं रूकती बहा ले जाती हे सब ..सब कुछ ..
एक इन्द्रधनुषी छटा सी प्रेम की अभिव्यक्ति . .एक गहरा आकर्षण ..एक शक्ति ..
प्यार . .विश्वास . . सादगी और समर्पण.. का बेजोड़ संगम
मानो !प्रकृति ने आपनी कल्पना के सभी रंगों को अपनी इस एक कृति में साकार कर दिया हो …
शायद !प्रकृति भी रीझती होगी खुद पर ..खुद को ही गुनगुनाती होगी ..हर बार
पथ की साथी
मन की अभिलाषा ..तुम्हारी पहचान .. मैं..
आपकी सभी प्रस्तुतियां संग्रहणीय हैं। .बेहतरीन पोस्ट .
मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए के लिए
अपना कीमती समय निकाल कर मेरी नई पोस्ट मेरा नसीब जरुर आये
दिनेश पारीक
http://dineshpareek19.blogspot.in/2012/04/blog-post.html
आज भी अस्तित्व को इतनी निश्चलता से कोई महसूस कर सकता है!
जब तक मन है,भावनाएं हैं ..भाव बंध हैं और मन का समर्पण है ये निश्छलता रहेगी..