Amrata Imroz अमृता इमरोज़ प्रेम की खुशबू से महकते दो फूल
Amrata Imroz उसने जिस्म छोड़ा है साथ नहीं वो अब भी मिलती है कभी तारों की छांव में कभी बादलों
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
Amrata Imroz उसने जिस्म छोड़ा है साथ नहीं वो अब भी मिलती है कभी तारों की छांव में कभी बादलों
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