गुब्बारे वाली
गहन सांवली देह सेचपला की भांति कौंधतीउस पथिका की आँखों परमेरी आँखें टिक गयींजो भादों की उमस भरी दुपहरी मेंमोतीबाग
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
गहन सांवली देह सेचपला की भांति कौंधतीउस पथिका की आँखों परमेरी आँखें टिक गयींजो भादों की उमस भरी दुपहरी मेंमोतीबाग
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