साँसों की ज़रूरत है जैसे ज़िंदगी के लिये/Saanso ki jarurat hai jaise zindgi ke liye/Kumar Sanu
साँसों की ज़रूरत है जैसे ज़िंदगी के लिये/Saanso ki jarurat hai jaise zindgi ke liye/Kumar Sanu, आशिकी, Aashiqui, 1990 गीत/
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
साँसों की ज़रूरत है जैसे ज़िंदगी के लिये/Saanso ki jarurat hai jaise zindgi ke liye/Kumar Sanu, आशिकी, Aashiqui, 1990 गीत/
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