पुस्तक संस्कृति – विश्व पुस्तक मेला 2021, नई दिल्ली(आभासी संस्करण)
पुस्तक संस्कृति पर परिचर्चा : डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ , डॉ. दिविक रमेश, डॉ. प्रेम जनमेजय और डॉ. इन्द्र
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
पुस्तक संस्कृति पर परिचर्चा : डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ , डॉ. दिविक रमेश, डॉ. प्रेम जनमेजय और डॉ. इन्द्र
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