समकालीन हिंदी साहित्य (भाग दो) विश्व पुस्तक मेला, 2001,नई दिल्ली(आभासी संस्करण)
समकालीन हिंदी साहित्य – चरण सिंह पथिक, प्रभात गोस्वामी, वीणा वत्सल सिंह और यशपाल सिंह यश समकालीन हिंदी साहित्य भाग
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
समकालीन हिंदी साहित्य – चरण सिंह पथिक, प्रभात गोस्वामी, वीणा वत्सल सिंह और यशपाल सिंह यश समकालीन हिंदी साहित्य भाग
Continue readingसमकालीन हिंदी साहित्य – सुदर्शन वशिष्ठ, गीताश्री, डॉ. सुनीता, चरण सिंह पथिक,सुलोचना, ऊषा दसोरा और रति सक्सेना राष्ट्रीय पुस्तक न्यास-समकालीन
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