Lokparva Sanjha लोकपर्व संझा
Lokparva Sanjha लोकपर्व संझा – मेरा टेसू यहीं अड़ा खाने को मांगे दही बड़ा .टेसू के गीत विशेष किस्म की
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
Lokparva Sanjha लोकपर्व संझा – मेरा टेसू यहीं अड़ा खाने को मांगे दही बड़ा .टेसू के गीत विशेष किस्म की
Continue readingमेरा टेसू यहीं अड़ा, खाने को मांगे दही बड़ा 🙂 🙂 बचपन का कोई बिसराया हुआ लोकगीत याद हो आया . सांझी
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