हम तुम दोनों जब मिल जाएंगे / Hum tum dono jab mil jaenge
हम तुम दोनों जब मिल जाएंगे/ Hum tum dono jab mil jaenge, एक दूजे के लिए, Ek dooje ke liye,
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
हम तुम दोनों जब मिल जाएंगे/ Hum tum dono jab mil jaenge, एक दूजे के लिए, Ek dooje ke liye,
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