मोहे पनघट पे नंदलाल छेड़ गयो रे/Mohe panaghat pe nandlaal chhed gayo re
मोहे पनघट पे नंदलाल छेड़ गयो रे/ Mohe panaghat pe nandlaal chhed gayo re मुगल-ए-आज़म 1960 (Mughal-E-Azam) गीत / Title:
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
मोहे पनघट पे नंदलाल छेड़ गयो रे/ Mohe panaghat pe nandlaal chhed gayo re मुगल-ए-आज़म 1960 (Mughal-E-Azam) गीत / Title:
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