ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे/Na na karte pyar tumhi se kar baithe
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे/Na na karte pyar tumhi se kar baithe, जब जब फूल खिले, Jab
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे/Na na karte pyar tumhi se kar baithe, जब जब फूल खिले, Jab
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