तेरी महफ़िल में किस्मत आज़माकर हम भी देखेंगे/ Teri mehfil mein kismat aazmakar ham bhi dekhenge
तेरी महफ़िल में किस्मत आज़माकर हम भी देखेंगे/ Teri mehfil mein kismat aazmakar ham bhi dekhenge, मुगल-ए-आज़म 1960 (Mughal-E-Azam) गीत
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
तेरी महफ़िल में किस्मत आज़माकर हम भी देखेंगे/ Teri mehfil mein kismat aazmakar ham bhi dekhenge, मुगल-ए-आज़म 1960 (Mughal-E-Azam) गीत
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