बच्चों का एक रचनात्मक कोना chilDren of hOpe 1

भगाणा डायरी भाग – 1 (06 मई २०१४ )
बच्चों के लिए एक रचनात्मक कोना

आजकल आप भगाणा केस को लेकर अखबारों और समाचारों में चर्चाएँ सुन रहे होंगे. भगाणा गाँव की कुछ जातियां (धानक) जो शेड्यूल कास्ट के अंतर्गत आती हैं गाँव की दबंग जातियों (जाटों) द्वारा पिछले दो वर्षों से सामजिक बहिष्कार और उनकी लड़कियों के साथ दैहिक दुराचार के प्रतिरोध में ‘ सुनवाई और सामजिक न्याय’ की उम्मीद लेकर 14 अप्रैल २०१४ से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तलक सत्ता-प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है. 24 अप्रैल 2014 को आम जनता और छात्रों नें पीडिताओं के संघर्ष के समर्थन में जंतर-मंतर, दिल्ली पर एकत्रित होकर एक ‘केंडल मार्च’ भी किया प्रदर्शन का यह क्रम अब भी जारी है।निहायत ही अश्लील तरीके से मीडिया बहुजन नें स्वयं को इस प्रकरण से अलग किया हुआ है। लम्बे समय से संघर्षरत होने, गांव से सामाजिक बहिष्कार कर दिए जाने और पढने जाने वाली लड़कियों के साथ दबंगों द्वारा छेड़खानी करते रहने के कारण इन परिवारों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बिलकुल ठप्प है. (सभी तस्वीरें नैना नें ली हैं।) 

इसलिए आपका और हमारा न्याय की इस लड़ाई में इन बच्चियों का साथ देना और भी जरुरी हो जाता है. भगाणा केस (हरियाणा) को लेकर जंतर-मंतर, दिल्ली पर न्याय की उम्मीद में धरने पर बैठे हुए परिवारों के बच्चों को पढ़ाने और रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रखने की जिम्मेदारी हमने ली है। आज जिम्मेदारी की शुरुआत का दिन था। 



            यह जीवन के सबसे सुखद पलों में से एक रहा। बच्चों को सुनना..उन्हें समझना हमें हमेशा से सुकून देता है। आज बच्चों को सुना और उनकी अभिव्यक्ति के सुरों को पकड़ने की कोशिश की।आज हमने पढाई को लेकर इन बच्चों की बुनियादी समझ को परखा और संघर्ष के माहोल में इनके बचपन के लिए ‘एक रचनात्मक कोना’ ढूँढने की कोशिश की। बच्चों के लिए कुछ कापी पेन्सिल रंग और ड्राइंग बुक लेकर गए थे उन्ही पर बच्चों नें कुछ कोमल और मनभावन अभिव्यक्तियाँ प्रस्तुत की .बच्चे कुछ नया होने से बहोत खुश और उत्साहित दिखाई पड़ रहे थे . 

आजकल ‘टू ट्रेवल इज टू लर्न ‘( tO traveL isto LeaRn ) नाम की एक संस्था नें अपनी कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत ‘चिल्ड्रेन आफ होप’ नाम से जंतर-मंतर पर रह रहे बच्चों को अनौपचारिक रूप से शिक्षित करने का अभियान चलाया हुआ है.’चिल्ड्रेन आफ हॉप ‘ बच्चों की छिपी हुई रचनात्मकता को भी बाहर लाने का प्रयास कर रहा है.www.totravelistolearn.in