गुब्बारे वाली
गहन सांवली देह सेचपला की भांति कौंधतीउस पथिका की आँखों परमेरी आँखें टिक गयींजो भादों की उमस भरी दुपहरी मेंमोतीबाग
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
गहन सांवली देह सेचपला की भांति कौंधतीउस पथिका की आँखों परमेरी आँखें टिक गयींजो भादों की उमस भरी दुपहरी मेंमोतीबाग
Continue readingऔरतों पर बनने वाली खबरें कभी बासी नहीं होती । ताज़ा खबर है – एक आदमी की ‘हत्या के शक’
Continue readingदिल मेरा मेरी न सुनेदिल ये मेरा तेरे सपने बुनेदिल बहता है तेरी छोरजैसे लहरों को खींचे है सागर अपनी
Continue readingआओ यादों के तकिये पर सर रखकर सो जाएं भूलकर सब खलिश जिंदगी की सुंदर सपनों में खो जाए मेरे
Continue readingये आवारगी मेरीये आवारगी मेरीमेरे प्यार की इंतेहा हैजब तुम भी मुझको चाहोगीतब समझोगी ये दर्द ( प्यार का )
Continue readingमेह तुम टूटकर बरसो नीरद की दहलीज़ लांघकर सागरों से फट पड़ो घट-घट मे भर दो प्राण कण-कण कों कर
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