COVID-19 और आयुर्वेद चिकित्सा

COVID-19 और आयुर्वेद का फर्स्ट लाइन आफ डिफेन्स

हाल ही में आयुष मंत्रालय ने एक आंतरिक टास्क फोर्स का गठन किया है जो देसी चिकित्सा पद्धतियों की उन महत्वपूर्ण दवाओं का अध्ययन कर रही है जिन्हें कोविड 19 के उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है.आयुर्वेद प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है। यह विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। पूरक और वैकल्पिक औषधि (कम्प्लीमेंटरी एंड अल्टरनेट मेडेसिन-सीएएम) के रूप में इसका उपयोग हाल के दिनों की बात है. आयुर्वेद यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। ‘आयुर्वेद’ का अर्थ है, ‘जीवन से सम्बन्धित ज्ञान’। आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है।आयुर्वेद, आयु यानी उम्र और वेद यानी विज्ञान को मिलाकर बना है, इस तरह ये जीवन का विज्ञान कहा गया है. ऐसा विज्ञान जिसके दायरे में मन, शरीर और आत्मा तीनों आते हैं.

देसी चिकित्सा प्रणाली में अनुसंधान आत्मनिर्भरता की और एक सशक्त कदम होगा। वैद्यराज डोगरा ने द्राक्षासव, कुमारीआसव, और वासावलेह औषधियों को कोरोना से बचाव में फर्स्ट लाईन ऑफ डिफेंस बताया। संस्कृत में अंगूर के लिये द्राक्षा शब्द का प्रयोग किया जाता है. द्राक्षासव अंगूर से बनाई जाने वाली एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है। इसे आसवन (Distillation) की प्रक्रिया से तैयार किया जाता है. यह औषधि मूल रूप से उदर के विकारों से सम्बंधित है. कुमारीआसव में मुख्य घटक के रूप में एलोवेरा का प्रयोग किया जाता है. यह यकृत रोग में फायदेमंद होता है . इसके एंटी आक्सीडेंट गुण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाने में सहायक है. वासवालेह का नाम आपने ब्रोंकाइटिस के सन्दर्भ में सुना होगा यह श्वसन पथ के संक्रमण के इलाज में प्रयुक्त होता है. वासा एक पौधा है जिसे अडूसा के नाम से भी जान जाता है.

इनका सही मात्र में प्रयोग व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है. एक्सपर्ट के विचार जानने के लिये आप यह वीडियों देखें. 

डिस्क्लेमर : यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है जिसे केवल ज्ञानवर्धन के लिये लिखा गया है. यह लेख चिकित्सीय परामर्श नहीं है किसी भी तरह की चिकित्सा अपनाने से पूर्व एक्सपर्ट की सलाह आवश्यक है. वेबसाईट इसके लिये जिम्मेदार नहीं है.