Dehydration Body without H2O
Dehydration Body without H2O डिहाइड्रेशन के लक्षणों की पहचान करना आसान है
रहिमन पानी रखी, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चून।।
Dehydration Body without H2O शरीर में पानी की कमी के कुछ सामान्य लक्षण हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए। शरीर को पानी की जरुरत केवल प्यास लगने पर ही नहीं होती उसके अलावा भी होती है।जब भी आपके शरीर में पानी की कमी होती है आपका शरीर आपको कुछ संकेत देता है उस पर गौर करना चाहिए। डिहाइड्रेशन का मतलब है आपके शरीर में तरलता की कमी होना।अक्सर बहुत अधिक पसीना आने पर, मितली या दस्त होने पर, बार-बार मूत्र त्याग करने पर या कम पानी पीने की वजह से ऐसा हो सकता है। health
शरीर में पानी की कमी होने पर आपके मुँह या सांसों से बदबू आ सकती है दरअसल होता यह है कि जब हमारा मुंह सूकने लगता है तो लार में कमी आती है जिसकी वजह से मुंह में बैक्टीरिया आसानी से पनपने लगते हैं और आपकी साँस से दुर्गन्ध आने लगती है। आपकी त्वचा का रूखा होना या होंठों का फटना भी शरीर में पानी की कमी को दर्शाता है शरीर की त्वचा में नमी कम होने की वजह से वह रूखी हो जाती है और आँखों के नीचे काले घेरों में वृद्धि होती है। पानी की कमी की वजह से निम्न रक्तचाप या लो ब्लड प्रेशर की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं।https://gajagamini.in/this-world-needs-male-discourse/
व्यायाम करने वाले या जिम जाने वाले लोगों को शरीर में पानी की कमी का विशेष ख्याल रखना चाहिए। जब आपके शरीर में पानी की कमी होती है और आप कसरत कर रहे होते हैं तो आप ग्लाइकोजन या शरीर में जमा कार्बोहाइड्रेट का उपयोग कर रहे होते हैं ऐसी स्थिति में कसरत करने के बाद हमें मीठा खाने की इच्छा होती है ताकि ग्लाइकोजन की फिर से पूर्ति की जा सके। तकनीकी तौर पर भी, यदि आप वजन या मोटापा कम करने की प्रक्रिया में हैं तो पानी बेहद मददगार होता है।
शरीर में पानी की कमी से आपको थकान, नींद, मांसपेशियों में ऐंठन या सिरदर्द की समस्या हो सकती है। अक्सर कब्ज या मल-मूत्र त्यागने में होने वाली परेशानी के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। इस वजह से आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक हो जाती है। आप जल्दी यूरिन संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। शरीर में पानी की कमी आपके तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकती है।
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अब सवाल उठता है की शरीर को हाइड्रेट कैसे रखें? पानी हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और संतुलित रखता है। एक सामान्य व्यक्ति को दिन भर में कम से कम आठ से दस या बढ़ गिलास पानी अवश्य ही पीना चाहिए। गर्मी में यह मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। फल पानी का महत्वपूर्ण माध्यम है हमें मौसमी फल जरुर खाने चाहिए। पानी शरीर को हाइड्रेट रखने के अतिरिक्त उसे डीटॉक्सिफाई भी करता है। पानी शरीर के अपशिष्टों को बाहर निकलता है। पानी की कमी से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का भी भाव हो जाता है जो खतरनाक हो सकता है । इलेक्ट्रोलाइट्स यानी सोडियम, कैल्शियम, क्लोराइड, मैग्नीशियम, पोटेशियम आदि के स्तर का संतुलित होना शरीर के लिए बेहद जरुरी हैं। इसलिए जब भी आपका गला सूख रहा हो या मल-मूत्र में समस्या हो रही हो, कील-मुहासे से परेशान हों या शरीर डिहाइड्रेशन के संकेत दे रहा हो तुरंत पानी का इंटेक बढ़ा दें। आजकल इस तरह के एप्स भी उपलब्ध हैं जो आपको पानी पीने की चेतावनी या अलार्म देते रहते हैं आप इनका प्रयोग कर सकते हैं। गर्मी के मौसम में मनुष्य और पशु, पक्षी और पौधे सभी पानी की कमी से जूझते हैं हमें अपने पारिस्थितिकी तंत्र का भी ख्याल रखना चाहिए। हजारों पशु-पक्षी गर्मी और लू की चपेट में आकर प्राण त्याग देते हैं हमें जहाँ तक सम्भव हो उन बेजुबानों के लिए भी पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। शरीर हो या ऑंखें जिन्दगी की अच्छी सेहत के लिए दोनों की नमी बनी रहनी चाहिए।