बराक नम्बर ग्यारह का वह अनूठा बसंत
जब पेड़ की उनींदी शाखों पर पर नई कपोलें फूटनें लगें, जाड़ों से ठिठुरते हुए पक्षियों की सुस्ती एक मधुर
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
जब पेड़ की उनींदी शाखों पर पर नई कपोलें फूटनें लगें, जाड़ों से ठिठुरते हुए पक्षियों की सुस्ती एक मधुर
Continue readingJagriti 1954 – हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकाल कर, इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल कर ।
Continue readingआजकल पर्यावरण संरक्षण फैशन में हैं लेकिन मेरे मोहल्ले की चिड़िया डिप्रेशन में है। महीनों से आँगन की क्यारी में
Continue readingFamous Female Musicians – जद्दनबाई हिंदी फिल्मों की पहली महिला संगीतकार हैं हिंदी सिनेमा के इतिहास में महिला संगीतकारों
Continue readingAnkur 1974 – अंकुर 1950 के दशक में हैदराबाद की एक सत्य घटना पर आधारित है। अस्सी के दशक का
Continue readingBadhai Ho 2018 – साहसिक विषय।अच्छा अभिनय। सहज कॉमेडी। जीवन के 50 बसन्त देख लेने के बाद जब आपको बच्चों
Continue readingSui Dhaaga 2018 – हर मायने में सुई धागा एक बेहतर सिनेमा है। वे हरे खेत याद हैं तुम्हें
Continue readingEk Chutki Ishq एक चुटकी इश्क – एक लड़की के स्वाभिमान की प्रेम कहानी ‘ प्लीज़! तुम जल्दी से यहाँ
Continue readingStree 2018 – राजकुमार राव के उम्दा अभिनय और हल्की गुदगुदाहट के लिए ‘स्त्री’ फिल्म देखी जा सकती है. ओ
Continue readingगहन सांवली देह सेचपला की भांति कौंधतीउस पथिका की आँखों परमेरी आँखें टिक गयींजो भादों की उमस भरी दुपहरी मेंमोतीबाग
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