Do Aankhen Barah Haath 1957 दो आँखें बारह हाथ
Do Aankhen Barah Haath 1957- इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो न हम चलें नेक रस्ते
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
Tales of Indian Cinema
Do Aankhen Barah Haath 1957- इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो न हम चलें नेक रस्ते
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