Padmavat Review ‘पद्मावत’ सिनेमा के लिहाज़ से एक सस्ती और कमजोर फिल्म है .
Padmavat Review- ‘पद्मावत’ के संदर्भ में ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ वाली कहावत एकदम सटीक बैठती है. पद्मावत सिनेमा के लिहाज़
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
Tales of Indian Cinema
Padmavat Review- ‘पद्मावत’ के संदर्भ में ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ वाली कहावत एकदम सटीक बैठती है. पद्मावत सिनेमा के लिहाज़
Continue readingAnand 1971 Music – ‘आनंद ‘ फिल्म के सभी गीत सदाबहार है . इसके गीत जीवन को जीने का भरोसा
Continue readingAnand 1971- “बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां है, जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन
Continue readingToilet- Ek Prem Katha – “पीरियड हो रहे हो तो घर के बाहर, हल्का होना हो तो खेत के बाहर,
Continue readingHindi Medium – ‘अंग्रेजी जबान नही क्लास है’ ‘अंग्रेजी जबान नही क्लास है’ इस थीम को लेकर फिल्म
Continue readingEk Thi Dayan 2013 – डायन’ स्त्री के अस्तित्व पर अधिकार के लिए बुना गया एक अंधविश्वास है जिसे पूरे
Continue readingAnarkali of Aarah -‘आज के बाद रंडी हो, रंडी से थोड़ा काम हो या बीवी हो मर्जी पूछकर हाथ लगाइएगा
Continue readingDo Aankhen Barah Haath 1957 – फिल्म के गीतों में ध्वनियों का बेहद सुंदर इस्तेमाल किया गया है जो आपके
Continue readingDo Aankhen Barah Haath 1957- इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो न हम चलें नेक रस्ते
Continue reading