बलात्कार का हर एक केस ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ ही है।
बलात्कार साफ तौर पर बर्बरतापूर्ण की गई यौन हिंसा ही है। इस बर्बरता की डिग्री नापना एक अजीब सी बात
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
बलात्कार साफ तौर पर बर्बरतापूर्ण की गई यौन हिंसा ही है। इस बर्बरता की डिग्री नापना एक अजीब सी बात
Continue readingFemale Masturbation-पुरुष और स्त्री की शारीरिक संरचना और प्रेम के प्रति उनके नजरिये में काफी कुछ अंतर है। नीम हकीमों
Continue readingअगर तुम स्त्री की रक्षा नहीं कर सकते तो उसे बेच भी नहीं सकते…’प्रेम करने वाले ह्रदय को खो देना
Continue readingAnarkali of Aarah -‘आज के बाद रंडी हो, रंडी से थोड़ा काम हो या बीवी हो मर्जी पूछकर हाथ लगाइएगा
Continue readingDo Aankhen Barah Haath 1957 – फिल्म के गीतों में ध्वनियों का बेहद सुंदर इस्तेमाल किया गया है जो आपके
Continue readingमेरा टेसू यहीं अड़ा, खाने को मांगे दही बड़ा 🙂 🙂 बचपन का कोई बिसराया हुआ लोकगीत याद हो आया . सांझी
Continue readingवह देखो ! हाशिये का आदमी और उसके आगे वह काले रंग की लकीर जो हमारी व्यवस्था नें खींची है वह
Continue readingपाषाण.. तुम, अंगिया में समेटे समस्त भार-अधिभार अस्मिता के मंदिर में पूजा-अर्चना के पश्चात् परोस दी जाती हो, अनमने ग्रहण
Continue readingThe article relates to the struggle of a woman who supports her ailing husband by ferrying passengers on the Battery
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