October Movie 2018 अक्टूबर एक धड़कती हुई फिल्म है
October Movie 2018-फूल हंसो, गंध हंसो, प्यार हंसो तुम हंसिया की धार, बार-बार हंसो तुम . मालूम नहीं
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
October Movie 2018-फूल हंसो, गंध हंसो, प्यार हंसो तुम हंसिया की धार, बार-बार हंसो तुम . मालूम नहीं
Continue readingपास आने दो जरा मोहब्बतों कोबहक जाने दो जरा सी चाहतों को ये जो लब हैं तेरे मेरेहैं इतने दूर
Continue readingएक पंक्ति लिखती हूँ और अक्सर मिटा देती हूँ नि-रं-कु-श सत्ता के भय से फिर अपने भीतर के बचे हुए
Continue readingक्या वाकई आप सोचते हैं कि प्रेम पढ़कर आत्मसात कर लेने वाली कोई वस्तु है ? मैंने जब-जब अंतरंग होकर
Continue readingBandini 1963 – बंदिनी एक ऐसा प्रेमगीत है जहां, प्रेम सुविधा का नहीं समर्पण और संघर्ष का नाम है ।
Continue readingBandini 1963 – मोरा गोरा अंग लइ ले, मोहे स्याम रंग दइ दे बंदिनी’ विमल राय के निर्देशन में बनी
Continue readingPadmavat Review- ‘पद्मावत’ के संदर्भ में ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ वाली कहावत एकदम सटीक बैठती है. पद्मावत सिनेमा के लिहाज़
Continue readingपरीक्षित..सुनों भद्रे ! तुम हो वह स्त्री परीक्षित, जिसे ढूँढा मैंने क्षितिज के उस पार जिसे मैंने खोया पाया अपने स्त्री होने की अकेली अथक,
Continue readingभाषा और समाज –भाषा हमारे समाज का चित्र है और जितना सुन्दर ये चित्र होगा उतनी ही सुन्दर हमारी भाषा
Continue reading