Anarkali of Aarah -'आज के बाद रंडी हो, रंडी से थोड़ा काम हो या बीवी हो मर्जी पूछकर हाथ लगाइएगा…
Do Aankhen Barah Haath 1957 - फिल्म के गीतों में ध्वनियों का बेहद सुंदर इस्तेमाल किया गया है जो आपके…
मेरा टेसू यहीं अड़ा, खाने को मांगे दही बड़ा :-) :-) बचपन का कोई बिसराया हुआ लोकगीत याद हो आया . सांझी…
Do Aankhen Barah Haath 1957- इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो न हम चलें नेक रस्ते…
वह देखो ! हाशिये का आदमी और उसके आगे वह काले रंग की लकीर जो हमारी व्यवस्था नें खींची है वह…
पाषाण.. तुम, अंगिया में समेटे समस्त भार-अधिभार अस्मिता के मंदिर में पूजा-अर्चना के पश्चात् परोस दी जाती हो, अनमने ग्रहण…
The article relates to the struggle of a woman who supports her ailing husband by ferrying passengers on the Battery…
Sanitary Napkin - a wAy tO wOmen's empOwerment Gender disparity: Shackled in the centuries-old discriminating taboos of menstrual flow, Indian…
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