चंद्रकांता कविता ‘फूलन बन जाओ सब
औरतों पर बनने वाली खबरें कभी बासी नहीं होती । ताज़ा खबर है – एक आदमी की ‘हत्या के शक’
Continue reading'मैं कुछ अलहदा तस्वीरें बनाना चाहती हूँ जैसे अंबर की पीठ पर लदी हुई नदी, हवाओं के साथ खेलते हुए, मेपल के बरगंडी रंग के पत्ते, चीटियों की भुरभुरी गुफा या मधुमक्खी के साबुत छत्ते, लेकिन बना देती हूं विलापरत नदी पेड़ पंछी और पहाड़ ।'
औरतों पर बनने वाली खबरें कभी बासी नहीं होती । ताज़ा खबर है – एक आदमी की ‘हत्या के शक’
Continue readingदिल मेरा मेरी न सुनेदिल ये मेरा तेरे सपने बुनेदिल बहता है तेरी छोरजैसे लहरों को खींचे है सागर अपनी
Continue readingआओ यादों के तकिये पर सर रखकर सो जाएं भूलकर सब खलिश जिंदगी की सुंदर सपनों में खो जाए मेरे
Continue readingये आवारगी मेरीये आवारगी मेरीमेरे प्यार की इंतेहा हैजब तुम भी मुझको चाहोगीतब समझोगी ये दर्द ( प्यार का )
Continue readingमेह तुम टूटकर बरसो नीरद की दहलीज़ लांघकर सागरों से फट पड़ो घट-घट मे भर दो प्राण कण-कण कों कर
Continue readingहम औरतें हम औरतें हमेशा भीड़ से घिरी रहती हैं जैसे मधु-मक्खियों से घिरे रहते हैं सुमन अहंकार इतना कि
Continue readingआलाप दिमाग में घने अंधेरों नें कसकर पाँव जमा रखे हैं एक भी सुराख़ नहीं है जो छटांक भर रोशनी
Continue readingचंद्रकांता गीत ‘पगडंडियां’ तेरे इश्क़ की पगडंडियां मैं उड़ती हूँ रेत बनकर तड़पती हूँ इक प्यास सी होकर बेपरवाह
Continue readingOctober Movie 2018-फूल हंसो, गंध हंसो, प्यार हंसो तुम हंसिया की धार, बार-बार हंसो तुम . मालूम नहीं
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